PM Modi के 10x न्यूक्लियर मिशन से इन कम्पनियों के शेयर में आ सकती है तूफानी तेजी, रखें नजर….

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PM Modi ने इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए एक बड़ी घोषणा की है जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया युग लाने वाली है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 नए न्यूक्लियर रिएक्टर पर तेजी से काम चल रहा है और भारत 2047 तक अपनी परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस योजना से न केवल भारत ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि कई सेक्टर की कंपनियों के शेयर से निवेशकों की अच्छी कमाई भी हो सकती है आज के इस लेख में हम बात करेंगे की इस योजना से किन कम्पनियों को सीधा फायदा होने वाला है.

वर्तमान में भारत की परमाणु ऊर्जा स्थिति

भारत में फिलहाल 24 परमाणु रिएक्टर चालू हैं जिनकी कुल क्षमता 8180 मेगावाट है। यह भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता का सिर्फ 1.8 प्रतिशत हिस्सा है। वर्तमान में 8 और रिएक्टर निर्माणाधीन हैं जिनकी क्षमता 6600 मेगावाट है। इसके अलावा 10 रिएक्टर की प्री-प्रोजेक्ट गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं जिनकी क्षमता 7000 मेगावाट होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि भारत पेट्रोल, डीजल और गैस के लिए कई देशों पर निर्भर है और इसके लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश के युवाओं के भविष्य और किसानों की भलाई के लिए बेहद जरूरी है।

PM Modi का 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का लक्ष्य

भारत सरकार ने 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। यह वर्तमान क्षमता से लगभग 12 गुना ज्यादा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के लिए 20000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस मिशन के तहत 2033 तक पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) को चालू करने का लक्ष्य है। छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर का फायदा यह है कि इन्हें कम जगह चाहिए और इन्हें इंडस्ट्रियल क्षेत्रों के पास लगाया जा सकता है।

इन सेक्टरों को होगा फायदा

हेवी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर

एनटीपीसी (NTPC) भारत की सबसे बड़ी पावर जेनेरेशन कंपनी एनटीपीसी परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है। कंपनी ने 30 गीगावाट परमाणु क्षमता का लक्ष्य रखा है। एनटीपीसी ने NPCIL के साथ मिलकर अनुशक्ति विद्युत निगम (ASHVINI) बनाया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि एनटीपीसी को Atomic Energy Act में संशोधन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा क्योंकि यह एक सरकारी कंपनी है।

लार्सन एंड टुब्रो (L&T) L&T भारत के न्यूक्लियर सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी है। कंपनी न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए भारी मशीनरी, सिस्टम और मॉड्यूल का निर्माण करती है। हाल ही में कंपनी ने कैगा एटॉमिक पावर स्टेशन के लिए चौथा स्टीम जेनेरेटर भेजा है। कंपनी की मार्केट कैप 5.08 ट्रिलियन रुपए है और SMR technology में भी निवेश कर रही है।

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (BHEL) BHEL परमाणु पावर प्लांट के लिए उपकरण बनाने वाली मुख्य कंपनी है। कंपनी ने NPCIL के साथ MoU साइन किया है और Pressurized Heavy Water Reactor technology में काम कर रही है। FY25 में कंपनी को 92534 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं।

हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC)HCC ने भारत की वर्तमान परमाणु ऊर्जा क्षमता का 60 प्रतिशत हिस्सा बनाया है। कंपनी कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट, राजस्थान एटॉमिक पावर प्लांट जैसे बड़े प्रोजेक्ट बना चुकी है। कंपनी का 5780 मेगावाट का ट्रैक रिकॉर्ड है

स्पेशलाइज्ड इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग

वालचंदनगर इंडस्ट्रीज: यह कंपनी चार दशकों से न्यूक्लियर कंपोनेंट्स बना रही है और Class-I nuclear components की सप्लाई करती है. कंपनी 220 मेगावाट से 700 मेगावाट के Pressurized Heavy Water Reactors के लिए critical components बनाती है।

पटेल एयरटेम्प: यह कंपनी भारत की उन तीन कंपनियों में से एक है जिसके पास “N-NPT” authorization है[23][24]। कंपनी न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए हीट एक्सचेंजर और प्रेशर वेसल बनाती है[24]। कंपनी के पास ASME N-NPT Stamp है जो nuclear-grade applications के लिए जरूरी है।

MTAR टेक्नोलॉजीज: यह कंपनी civil nuclear power segment में काम करती है और इसका order book 1031 करोड़ रुपए का है। कंपनी ने हाल ही में NPCIL से 1.27 करोड़ रुपए का ऑर्डर भी जीता है।

यूरेनियम और फ्यूल सप्लाई चेन

भारत में यूरेनियम के मामले में अच्छे भंडार हैं। देश में 76000 टन यूरेनियम के भंडार हैं जो 10000 मेगावाट के न्यूक्लियर पावर के लिए 30 साल तक काफी हैं। लेकिन भविष्य की जरूरत को पूरा करने के लिए आयात की भी जरूरत होगी। सरकार निजी कंपनियों को यूरेनियम माइनिंग और इंपोर्ट की अनुमति देने जा रही है।

टेक्नोलॉजी और रिसर्च सेक्टर

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) BARC तीन तरह के SMR डिजाइन कर रहा है – 200 मेगावाट का Bharat Small Modular Reactor, 55 मेगावाट का छोटा मॉड्यूलर रिएक्टर और 5 मेगावाट का हाई टेम्परेचर गैस कूल्ड रिएक्टर छोटे सप्लायर कंपनियों के लिए भी अवसर हैं जैसे केएसबी, अजाद इंजीनियरिंग, त्रिवेणी टर्बाइन, किर्लोस्कर ब्रदर्स, रत्नामणि मेटल्स जैसी कंपनियां भी इस सेक्टर से फायदा उठा सकती हैं

निजी कम्पनियों को भी होगा फायदा

अब तक परमाणु ऊर्जा पर सरकार का एकाधिकार था लेकिन अब निजी कंपनियों को भी इस क्षेत्र में आने की अनुमति मिल गई है। Atomic Energy Act और Civil Liability for Nuclear Damage Act में संशोधन करके निजी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। यूरेनियम की खनन, आयात और प्रसंस्करण के लिए भी निजी कंपनियों को अनुमति देने की तैयारी है रिलायंस इंडस्ट्रीज, अडानी पावर, टाटा पावर और वेदांता जैसी बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश करने की योजना बना रही हैं। इन कंपनियों से कुल मिलाकर 440 अरब रुपए का निवेश आने की उम्मीद है।

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इन शेयरों से भो हो सकती है कमाई

भारत के न्यूक्लियर सेक्टर में लगभग 550 अरब डॉलर का बिजनेस पोटेंशियल है। न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के लिए 2.4 अरब डॉलर का बजट रखा गया है। इससे कई कंपनियों के शेयर प्राइस में तेजी आ सकती है।

निवेशकों के लिए सबसे अच्छे अवसर उन कंपनियों में हैं जो:

  • – SMR development में directly involved हैं (जैसे L&T, NTPC)
  • – Supply chain integration में हैं (जैसे BHEL, HCC) 
  • – Regulatory tailwinds से फायदा उठा सकती हैं

लेकिन निवेशकों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह एक लंबी अवधि का निवेश है। न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स में समय लगता है और regulatory approvals की जरूरत होती है।

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